*मजदूर दिवस विशेष* महिनत करथँव घाम मा, मन हा नइ अकुलाय जी। मजा करव मैं काम मा, मजदूरी बड़ भाय जी॥ काम करय मजदूर हा, बिना करे आराम जी। इँखरे सेती हे बढ़े, जग भर म ताम झाम जी॥ बनी करे बनिहार हा, जावय जल्दी खेत जी। दिनभर ऊमन काम के, राखय सुग्घर चेत जी॥ छंद साधक -अमित टंडन *अनभिज्ञ* बरबसपुर कवर्धा 8103892588