नशा मुक्ति


*नशा मुक्ति*

कब तक मदिरा पान करोगे
जिंदगी जिओगे या मरोगे 

अब तो अपनी व्यथा को समझो 
सत्य की वाणी कथा को समझो 

लाख कोई समझाए तुमको 
बात-बात में मनाए तुमको 


मन का दर्पण साफ करो तुम 
खुद का भी इंसाफ करो तुम 

जीवन तुम्हारा मस्त करो 
वरना  सूरज  अस्त  करो 

-अमित टंडन "अनभिज्ञ"

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