*गीत*
(निगाहो में जादू है तेरा मुस्कुराना)
निगाहों में जादू है तेरा मुस्कुराना
मुँह फेर लेना कभी,कभी रूठ जाना
मन मेरा क्यूँ? बेचैनी में रहता है
तुमसे ना रुख्सत हो जाए डरता है
तेरा मेरे पास आना,आके चले जाना
निगाहों में जादू...............!
नींदों में ख्वाबों ने पागल किया है
कातिल अदाओं ने घायल किया है
नजरें गड़ाए देखे,फिर नजरें चुराना
निगाहों में जादू...............!
रब से शिकायत कैसी तुम जो मिल गई
चेहरा कँवल के जैसा घूँघट में खिल गई
रोज जगाता मुझको तेरा जाग जाना
निगाहों में जादू...............!
-अमित टंडन "अनभिज्ञ"
बरबसपुर कवर्धा
8103892588
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