मुक्तक -मजदूर दिवस

अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस 

अपने काँधों पर जो सबका बोझ उठाता है, 
 गरिमामयी इस धरती पर जो अन्न उगाता है। 
मन में जरा सा भी अहम भाव नहीं रखता,  
 वही कर्मठ ओजस्वी मजदूर कहलाता है॥ 

-अमित टंडन " अनभिज्ञ "

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साहित्यिक कविता मुक्तक,gajal

कविता(poetry)

छत्तीसगढ़ महतारी