( गीत )
जिंदगी शोर कर बुलाती है
नफरते तोड़कर बुलाती है
दिन के सपने क्या रखा है
जिंदगी आप ही आजमाती है
जिंदगी शोर...............।
राहों में काँटों का कहर होगा
जहरीले सांपों का जहर होगा
हर घड़ी मौत तिलमिलाती है
जिंदगी शोर ................।
जीत और हार है यहाँ पर तो
प्रेम का व्यापार है यहाँ पर तो
सच का पर्दा यही उठाती है
जिंदगी शोर.................।
खुद को दर्पण में देखते है कभी
मन के तर्पण में देखते हैं कभी
कभी ये हँसाती और रुलाती है
जिंदगी शोर ....................।
-अमित टंडन "अनभिज्ञ"
बरबसपुर कवर्धा
8103892588
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