मुक्तक

मुक्तक 

व्यक्ति के व्यक्तित्व से ही विचार बनता है 
रिश्तों की मजबूती से ही परिवार बनता है 
जिंदगी मंजिल का पता  ढूँढ  ही  लेती  है 
क्यूंकि फूल  से  फूलों  का  हार  बनता है

-अमित टंडन अनभिज्ञ 
बरबसपुर कवर्धा  

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साहित्यिक कविता मुक्तक,gajal

कविता(poetry)

छत्तीसगढ़ महतारी