शायरी

ये आसमां के चमकते तारे 
रात को मुझसे कह रहे है 
हमें बूलालो अभी जमीं पर 
नज्में कहते बह रहे है । 

टिप्पणियाँ

साहित्यिक कविता मुक्तक,gajal

कविता(poetry)

छत्तीसगढ़ महतारी